Deepawali 2020
इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है।
14 नवंबर को 1 बजकर 16 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी और फिर अमावस्या लागू हो जाएगी। यही कारण है कि 14 नवंबर को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। शाम के 5 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट का मुहूर्त सबसे ऊत्तम माना गया है। इस शुभ मुहूर्त के समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है।
- घर पर हमेशा बैठी हुई लक्ष्मी जी (पद्मासन) और व्यापारिक स्थल पर खड़ी हुई (खडगासन) लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करंें।
- चैमुखी दीपक जलाये एवं 11,21 या 31 तेल के तथा 5 घी के दीपक जलाये।
- उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
- सर्वप्रथम गणेश जी स्थापित करें, महालक्ष्मी, सरस्वती एवं कुबेर स्थापित करें.
- सिंदूर से श्री वर्धन श्रीः यंत्र राज (चैंतीसा यंत्र) बनाए, लक्ष्मी जी का पाना लगाए।
- लकड़ी के पाटे पर लाल वस्त्र बिछाकर मोली बाॅंधे, लक्ष्मी गणेश की मिट्टी अथवा चाॅंदी की मूर्ति स्थापित करें। समस्त पूजा सामगी रखें।
- लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
‘ऊॅं श्रीं हीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’’
8. कुबेर मंत्र का जाप करेंः
“ऊॅं श्री ऊॅं ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:”
9. पूजा स्थल पर 11 धनकारक कौढ़ियाॅं व सात गोमती चक्र एवं 7 सुलेमानी हकीक पर हल्दी से तिलक लगाकर पूजा स्थल में पीले वस्त्र से बाॅंधकर पोटली बनाकर तिजोरी में रखें।
10. दीपावली की शाम एक सुपारी ताॅंबे का सिक्का, 7 गोमती चक्र, पीपल के पेड़ के नीचे रख आएॅं। सोमवार को उस पेड़ का पत्ता लाकर अपनी दुकान की गद्दी के नीचे या तिजोरी में रखे।
11. दक्षिणावर्ती शंख से श्री गणेश, लक्ष्मी जी को स्नान कराएं !
12. दीपावली लक्ष्मी पूजन में पीली कौड़िया और पीली हल्दी की गाँठ जरूर रखना चाहिए. पूजन के बाद हल्दी की गाँठ को घर में या ऑफिस में उस जगह रखे जहाँ धन रखा जाता है. ऐसा करने से धन में वृद्धि होती रहती है.
13. दीपावली के दिन पूजन के समय लाल कपड़े में काली हल्दी व सिंदूर एवं सिक्के रख कर पूजन करें सारी रात पूजा में रहने दें, अगले दिन इन्हें लाल कपड़े में बाॅंधकर धन रखने के स्थान में रखें।
14. योजनाएॅं सफल नहीं होती हो तो दीपावली पर सायंकाल एक मोती शंख ले उसमें 3 गोमती चक्र, पाॅंच लग्नमंडप वाली सुपारी रखें। एक काले वस्त्र में यह सामग्री बाॅंधकर पोटली बना ले। अपने ऊपर से सात बार उतारा करके घर के बाहर किसी चैराहे पर रख दें। घर से चैराहे पर जाते समय लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। वापिस घर में प्रवेश के पहले हाथ-पैर धोकर ही प्रवेश करें।
15. दीपावली पर श्री यंत्र स्थापित कर गन्ने के रस और अनार के रस से अभिषेक करके घर में स्थापित करें।
16. दीपावली की रात्रि पीपल के पत्ते पर दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करें।
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